झोलाछाप को डाक्टर बनाने हिंदी विवि देगा एडमिशन, एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स की फीस 24 हजार रुपए होगी
भोपाल
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने सूबे में भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद् (फर्स्ट ऐड काउंसिल आॅफ इंडिया) का अध्ययन करने केंद्र खोल दिए हैं। केंद्रों पर प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ डिप्लोमा कोर्स पढकर प्रदेश में फैल नीम/हकीम, झोलाछाप, एएनएम/ जीएनएम के अलावा किसी भी विषय में 12वीं पास विद्यार्थी अपना क्लीनिक खोल पाएंगे।
एमबीबीएस डाक्टर बीएचएमएस और बीएएमएस को सजर्री की स्वीकृति देने पर विरोध कर रहे हैं। इस बीच हिंदी विवि एक वार्षीय प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ डिप्लोमा कोर्स शुरू कर दिया । फीस 24 हजार फीस से विद्यार्थी प्रवेश ले रहे हैं। ऐसे कोर्स को नेशनल मेडिकल कमीशन ने कोई स्वीकृति नहीं दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ऐसे कोर्स को वैधानिक नहीं मान रहा है। हिंदी विवि ने कोर्स के लिए राजभवन स्वीकृति नहीं हैं।
मुख्यमंत्री की स्वीकृति नहीं
हिंदी विवि सामान्य परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। उनकी अनुमति के बिना प्रदेशभर में 50 केंद्र खोल दिए गए हैं, जिनका निरीक्षण कर प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ डिप्लोमा कोर्स के मापदंडों तक को पूरा नहीं किया गया है। कुलपति रामदेव भारद्वाज का कहना है आगामी बैठक में मुख्यमंत्री की स्वीकृति ली जाएगी। कार्यपरिषद में स्वीकृति मिल चुकी है।
ऐसे झोलाछाप का सहारा होगी हिंदी विवि
बाग उमराओ दुल्हा में पीपल्स केयर क्लीनिक में एसी मेकेनिक फरहाज खान डाक्टर बन लोगों का उपचार कर रहे हैं। उनके द्वारा लिखित पर्चे पर पंजीयन नंबर 36813 और क्लीनिक के बोर्ड पर सीएल 1559/नवंबर/2020 दिया है। वे अपने आप को डॉक्टर पीआर भगत का सहयोगी बताते हैं, जो कभी क्लीनिक आती ही नहीं हैं। क्लीनिक शाम सात बजे खोला जाता है। क्योंकि दिन में सरकारी मेडिकल अफसरों की नजर नहीं पढे।
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